किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं शुभमन गिल का सफर, 100 रुपये ईनाम से पिता ने यूं बनाया क्रिकेटर

जूनियर डॉन ब्रेडमैन के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले क्रिकेटर शुभमन गिल का आज जन्मदिन हैं। वह 22 साल के हो गए हैं। क्रिकेट से अपनी अलग पहचान बनाने वाले शुभमन गिल की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। शुभमन के पिता लखविंदर सिंह बताते हैं कि जब शुभमन पैदा भी नहीं हुए थे, तभी से उन्होंने उसे क्रिकेटर बनाने के सपने देखना शुरू कर दिए थे।

लखविंदर सिंह का कहना है, “फाजिल्का जिले के चक खेरेवाला गांव में शुभमन का जन्म हुआ। शुभमन के लिए मैंने अपने सबसे बड़े खेत में एक स्थायी क्रिकेट ग्राउंड बना दिया। शुभमन बतौर बल्लेबाज ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस कर सके, इसके लिए मैं युवाओं को चुनौती देता जो शुभमन को आउट करेगा, उसे मैं 100 रुपये ईनाम दूंगा। ईनाम के लिए कई लड़के ग्राउंड में पहुंच जाते थे। शुरूआत के पांच से छह महीने मेरे पैसे खर्च हुए, लेकिन फिर वो मुकाम आया कि पूरा दिन गेंदबाजी करने के बाद भी शुभमन को कोई आउट नहीं कर पाता।”

एकेडमी में घंटों सीनियर खिलाड़ियों की प्रैक्टिस देखते थे शुभमन

लखविंदर बताते हैं कि बेटे के लिए उन्होंने अपने गांव की खेतीबाड़ी छोड़ दी और मोहाली में शिफ्ट हो गए। शुभमन ने काफी समय तक स्कूल की एक क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग ली और उसके बाद मैंने उसे पीसीए मोहाली की क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन दिलवा दिया। जहां शुभमन ने काफी कुछ सीखा। शुभमन की क्रिकेट में ऐसी लगन लगी थी कि वह रोज सुबह 3.30 बजे उठते थे और 4 बजे एकेडमी में पहुंच जाते थे। दिनभर प्रैक्टिस करते और शाम को खड़े होकर सीनियर प्लेयर्स के सेशन को देखते।

ऐसे में मिला जूनियर ब्रेडमैन का नाम

साल -2018 अंडर -19 वर्ल्ड कप में शुभमन गिल ने पांच मैचों में 124 की औसत से 372 रन बनाए थे। इस शानदार प्रदर्शन के बाद ही क्रिकेट प्रेमी उन्हें जूनियर डॉन ब्रेडमैन कहने लगे थे। शुभमन गिल ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 21 मैच खेलते हुए 73.27 की स्ट्राइक रेट के साथ 2133 रन और टी 20 में 37 मैच खेलकर 777 रन बनाए हैं। वहीं, आइपीएल में उन्होंने 27 मैचों में 33.27 की स्ट्राइक रेट के साथ 499 रन बनाए हैं। पिछले आइपीएल सीजन कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलते हुए शुभमन गिल ने कुल 14 मैच खेले थे और 296 रन बनाए थे।

लाल रूमाल को मानते हैं खुद के लिए लक्की

शुभमन को शुरू से ही लाल रंग काफी पसंद है। लाल रूमाल को वह अपने लिए लक्की मानते हैं। ऐसे में जब भी वह क्रिकेट मैच खेलने के लिए मैदान में उतरते है तो हमेशा लाल रूमाल अपनी जेब में रखते हैं। शुरूआत में एक दो बार शुभमन ने सफेद रूमाल रखकर मैच खेला, लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया। इससे उनका यकीन और पक्का हो गया।

मौजूदा किक्रेट में सबसे पेशेंस वाले खिलाड़ी हैं शुभमन

पीसीए कोच टिंकू बताते हैं कि शुभमन ऐसे खिलाड़ी हैं जो हर बॉल को मिडिल करता है। पिच पर उस जैसा पेशेंस वाला खिलाड़ी मौजूदा समय में कोई नहीं है। खास बात यह है कि शुभमन को कभी शॉट खेलने की जल्दी नहीं रहती है। वह उसी गेंद पर शॉट खेलते हैं, जिसे वह बाउंड्री के पार पहुंचा सके। शुभमन को वह भविष्य का विराट कोहली देखते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *