घर में खुशियो का माहौल था क्योंकि शादी के बाद पहली बार घर की बेटी रश्मि घर आ रही थी। रश्मि के पिता जी के पैर रुक नहीं रहे थे , वो अपने बेटे प्रिंस को आवाज लगा रहे थे कि वो स्टेशन जाकर अपनी बहन रश्मि को ले आये ।
बहन का घर आना – दोस्तो लड़की का भाई प्रिंस थोड़ा परेशान होकर अपने पिता जी से बोला कि उसने अपनी गाड़ी किसी दोस्त को दी है और पिता जी की गाड़ी बनने गयी है। अब लड़की के पिता जी थोड़ी चिंता में आ गये क्योंकि लड़की को घर कैसे लेकर आएंगे । पिता जी ने अपने बेटे प्रिंस से कहा कि जाओ एक कार बुक कर लो या टैक्सी में जाकर अपनी बहन को ले आओ ।
अब लड़की के भाई भी थोड़ा परेशान तो उसने बोल दिया कि पिता जी रश्मि अब बड़ी हो गयी है खुद टैक्सी बुक करके आ जायेगी। अब लड़की के पिता जी को गुस्सा आ गया , वो बोले की घर पर इतनी गाड़ी है उसके बावजूद भी घर के लड़की एक टैक्सी से अकेले आयेगी। इसके जवाब में प्रिंस ने भी बोल दिया कि उससे काम है आप स्वयं जाकर ले आइये।
पिता का उठा हाथ – प्रिंस की ये बात सुनकर पिता जी को गुस्सा आ गया जिसके बाद पिता जी बोले कि तुम्हे अपनी बहन की फिक्र बिल्कुल भी नही है । उसकी भले शादी हो गई है लेकिन वो आज भी इस घर की सदस्य है,भले ही उसकी शादी होगयी है लेकिन उसके लिये हमारा प्यार उतना ही है जितना पहले था। इस घर पर जितना हक प्रिंस का है उतना ही हक रश्मि का भी है । इसके जवाब में प्रिंस ने तपाक से बोल दिया कि अब वो मेरी लिये पराई हो चुकी है और इस घर पर सिर्फ उसका हक है।
प्रिंस की ये बात सुनकर पिता जी को बहुत गुस्सा आया जिस कारण से उन्होंने प्रिंस को एक थप्पड़ मारा । थप्पड़ की आवाज प्रिंस की माँ तक पहुच गई।
प्रिंस की मां ने आकर प्रिंस के पिता जी को समझाया की जवान लड़के पर हाथ ना उठाये लेकिन पिता जी का गुस्सा सातवें आसमान में था क्योंकि जो बहन अपने भाई से इतना प्यार करती थी , जिसके लिये अपनी पॉकेट मनी से पैसा बचा कर कुछ समान ले आती थी यहाँ तक कि विदाई के समय सबसे ज़्यादा रोई भी उसके गले लिपटकर थी लेकिन इससे अपनी बहन की जरा भी परवाह नहीं है।
बुआ भी तो बहन होती है – दोस्तो प्रिंस हंस के बोला कि पिताजी आज बुआ जी का भी जन्मदिन है , वो ना जाने कई बार हमारे घर आई लेकिन हमेशा ऑटो से आई आपने कभी भी अपनी कार नही भेजी। माना कि अब वो आर्थिक रूप से परेशान है लेकिन पहले तो वो अमीर थी। जब आपका समय खराब था तब बुआ जी ने हमेशा मदद की । पिता जी आप मेरे मार्गदर्शक है लेकिन जब भी ऐसा होता में रोता था ।
मायके मेंं मिलती है पहचान – ये सब बाते हो रही है तभी एक गाड़ी आकर रुकी जिससे उनकी बेटी रश्मि दौड़ते हुए अपने माता पिता के गले लगी फिर अपने भाई से बोली कि ये नई गाड़ी बहुत सुंदर है, मेरे पसंदीदा रंग की भी है जिसपे प्रिंस कहता है कि जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बहन , ये गाड़ी आपके जन्मदिन पर एक तोहफा है।
उसी गाड़ी से बुआ भी निकाल आई जिसने कहा कि भैया अपने गाड़ी क्यों भेज दी , मुझे हर जन्म आपके जैसा भाई म मिले क्योंकि आप मेरे भाई के जैसे नहीं एक पिता के जैसे ख्याल रखते है। दोस्तो इस एक घटना ने रिश्तों को मजबूत कर दिया।