दोस्तो आप सभी को ये बात आपको भी पता है कि हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है जहाँ पुरुषो को स्त्री से कई गुना ज्यादा बलशाली समझा जाता है जबकि स्त्री और पुरुष एक समान होते है। स्त्री के बिना पुरुषों का जीवन असंभव है क्योंकि स्त्री से ही पुरुष का जन्म होता है लेकिन फिर भी हमारे समाज मे जब किसी लड़की का जन्म होता है तो कुछ लोग शोक मनाते है जो कि काफी चिंता का विषय है लेकिन दोस्तो अब ऐसा नहीं है क्योंकि अब समय धीरे- धीरे बदल रहा है ।
जी हाँ दोस्तो क्योंकि अब कुछ परिवार ऐसे है जिनके घर पर अगर लड़की जन्म होता है तो वो बहुत खुश होते है और खुशियां मानते है। दोस्तो आज हम एक ऐसे परिवार की बात करने जा रहे है जिनके घर मे 45 साल के बाद लड़की का जन्म हुआ जिसकी ख़ुशी पर उंन्होने बैंड बाजे तो बजवाये ही साथ मे एक डोली भी तैयार की जिसमें बहु और नवजात बच्ची को हॉस्पिटल से घर तक लेकर आया गया। दोस्तो इस पूरी घटना की चर्चा आज के समय मे पूरे देश मे हो रही है क्योंकि ऐसे बहुत कम लोग ही जो बच्ची के जन्म पर जश्न मनाते है।
दोस्तों ये पूरी घटना बिहार के छपरा जिला की है जहां शिवजी प्रसाद नामक व्यक्ति के परिवार में 45 साल के बाद लड़की का जन्म हुआ है जिस वजह से परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है। दोस्तो आप लोगो की जानकारी के लिये बता दे कि शिवाजी प्रसाद की कुल 4 लड़के है और एक भी लड़की नहीं है जिस वजह से जब उनके घर बेटी का जन्म हुआ तो ये कोई उत्सव से कम नहीं था।
दोस्तो शिवाजी प्रसाद छपरा के एकमा नगर पंचायत के रहने वाले है जहाँ उनके बेटे धीरज गुप्ता है घर एक लड़की ने जन्म लिया है। जब शिवजी प्रसाद को ये पता चला कि उसके घर लड़की का जन्म हुआ है तो शिवजी प्रसाद की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
शिवजी प्रसाद ने पहले मिठाई बांटी और खूब पटाखे फोड़े, फिर शिवजी ने ये निर्णय लिया कि वो अपनी बहू और पोती को डोली में लेकर आयेंगे। शिवाजी प्रसाद सीधे डोली लेकर हॉस्पिटल पहुँच गये जहाँ से अपनी बहू और पोती को डोली में बिठा कर अपने घर के ओर चल दिया। ये दृश्य जिसने भी देखा हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है क्योंकि आज तक किसी ने भी ऐसा नहीं किया था।