दोस्तो आज का समय बहुत खराब है क्योंकि आज के समय मे कब किसको कौनसी बीमारी हो जाये कोई भरोसा नहीं है । दोस्तो कभी किसी को कैंसर हो जाता है तो किसी को कोई बीमारी हो जाती है , दोस्तो इन बीमारियों का इलाज तो हो जाता है लेकिन ये अपने पीछे कई सारी समस्याएं छोड़ जाते है जिनको ठीक कर पाना हर किसी के बस की बात नही होती है । दोस्तो आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है जिसकी एक दुर्घटना में उसका पैर तो बच गया लेकिन कुछ समय बाद उसको कई सारी समस्याओं से जूझना पड़ गया।
दोस्तो ये घटना घटी है अमित कुमार शर्मा के साथ जिनका 10 वर्ष पूर्व एक एक्सीडेंट में उनकी पैर में गंभीर चोट नहीं आई थी लेकिन उनकी नसों पर काफी गंभीर नुकसान हुआ था जिस कारण से उनको लिम्फीडिमा नामक बीमारी हो गयी जिसके बाद उनकी परेशानी शुरू हुई । दोस्तो लिम्फीडिमा बीमारी को हाथीपाँव कहा जाता है , इस बीमारी में मरीज का पैर हाथी के पैर के जितना बड़ा हो जाता है । दोस्तो अमित कुमार शर्मा भी इसी बीमारी से पीड़ित हो गये जिसके कारण वो आने – जाने असमर्थ हो गए। दोस्तो इस बीमारी के कारण अमित कुमार शर्मा को अपनी नौकरी तक से हाथ धोना पड़ गया।
अमित कुमार शर्मा ने करीब 10 वर्ष तक अपने पैर का इलाज करवाने का प्रयास किया लेकिन इसको ठीक करने की हर कोशिश बेकार होते चली गयी क्योंकि इसपे सब मेडिसीन का उपयोग कर रहे थे कोई भी इसका ऑपरेशन करने का प्रयास नहीं कर रहे थे। अमित कुमार शर्मा की आर्थिक स्थिति खराब होती चली गयी क्योंकि उनके घर मे कमाने वाला सिर्फ वही थे जिनकी नौकरी भी चली गयी ।
दोस्तो अंत मे अमित कुमार शर्मा अपने पैर का ऑपरेशन करवाने का निर्णय लिया। अमित कुमार शर्मा ने इस ऑपरेशन के लिये के मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज गये , जहाँ डॉक्टरों की एक टीम ने उनका सफल ऑपरेशन करके उनका इस हाथीपाँव बीमारी से उनको आज़ादी दिला दी । दोस्तो मैक्स हॉस्पिटल की टीम ने 6 महीने में अमित कुमार शर्मा के पैर की 18 बार सर्जरी की जिसमें उनको कुल 90 घण्टे का समय लगा।
जब इस मैक्स हॉस्पिटल के एमडी डॉ मनोज ने बताया कि अमित कुमार शर्मा ने पहले जो इलाज करवाये थे उस कारण से उनका केस और खराब हो गया था लेकिन हमारी टीम ने इस सर्जरी करके इनके पैर को ठीक कर दिया है।।