बाल विवाह के बाद सब इंस्पेक्टर बनी हेमलता, भाइयों ने कंधे पर बैठाकर घुमाया गांव

इस दुनिया में हर किसी का कोई ना कोई सपना होता है। आपका भी कोई सपना होगा, जिसे पूरा करने के लिए हम सभी खूब मेहनत करते हैं परंतु सभी का सपना साकार हो जाए ऐसा संभव नहीं हो सकता। क्योंकि जब कोई इंसान कोई मुकाम हासिल करना चाहता है तो उसको मार्ग में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं, जो कठिनाइयों और परेशानियों के आगे घुटने टेक देते हैं।


लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो लगातार हर मुश्किल परिस्थिति का मुकाबला करते हुए निरंतर प्रयास करते रहते हैं। कहते हैं कि सपनों की उड़ान अगर ऊंची हो तब रास्ते में आने वाले सभी संघर्षों को इंसान पीछे छोड़ देता है। अगर आप हिम्मत करते हैं तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं। आज हम आपको राजस्थान के बाड़मेर की रहने वाली बिटिया हेमलता जाखड़ के बारे में बताने जा रहे हैं।

हेमलता जाखड़ की कहानी आपके दिल को छू जाएगी। हेमलता जाखड़ ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर सच्ची मेहनत और लगन से कोई भी काम किया जाए तो कोई भी सपना अछूता नहीं रहता है। हेमलता ने अपने वर्दी पहनने के सपने को साकार कर दिखाया है।

8 साल की उम्र में ही देखा था सपना

हेमलता ने यह खुद बताया था कि जब उनकी उम्र 8 साल की थी तब उन्होंने यह ठान लिया था कि पुलिस इंस्पेक्टर बनकर देश की सेवा करेंगी परंतु वह बात अलग है कि बचपन में देखे गए सपनों को हर बार लोग महज मजाक समझ लेते हैं। हेमलता को अपने सपने को साकार करने के लिए अपने जीवन में कई कठिन परिस्थितियों और संघर्षों का सामना करना पड़ा।


हेमलता को समाज के ताने सुनने पड़े थे परंतु इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को साकार करने में मेहनत करती रहीं और उन्होंने आज अपने सपने को साकार कर दिखाया है। राजस्थान के बाड़मेर जिले की बिटिया हेमलता जाखड़ इन दिनों अपने पूरे गांव में सम्मान का प्रतीक बन चुकी हैं। हाल ही में हेमलता सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात हुई हैं।

ससुराल पक्ष से सुनने पड़े थे ताने

आपको बता दें कि जब हेमलता की उम्र महज 17 वर्ष की थी तब उनका बाल विवाह हो गया था। शादी के बाद उन्हें अपने घर परिवार को भी संभालना था और फिर पढ़ाई भी करनी थी परंतु चारदीवारी में रहकर ऐसा कर पाना उनके लिए बहुत मुश्किल था। इसी वजह से हेमलता जब अभ्यास करने के लिए घर से बाहर निकली थीं, तब गांव समाज के तानों का भी उन्हें सामना करना पड़ा था परंतु हेमलता ने तो यह ठान रखा था कि वह किसी भी हालत में अपने कदम पीछे नहीं खिंचेंगी और वह अपने सपने को साकार करेंगी।

सब इंस्पेक्टर की वर्दी में बहन आई तो भाइयों ने कंधे पर बैठाकर घुमाया पूरा गांव

हेमलता को अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा लेकिन जब वह सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर अपने गांव पहुंचीं, तब उनके भाइयों ने कंधे पर बैठाकर अपनी बहन को पूरा गांव घुमाया। भाई यह दिखाते हुए नजर आए कि उनकी बहन ने जिस सपने को देखा था उसने उसे सच कर दिया है। हर कोई इस होनहार बेटी की प्रतिभा की सराहना करता हुआ नजर आया।

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