माना शेट्टी के घर वालो को मंजूर नहीं थी शादी , एक होने के लिए करना पड़ा 3285 दिन का इंतजार

सुनील शेट्टी. यह उस बॉलीवुड एंटरटेनर का नाम है, जिसे देखने के लिए सिनेमाघरों में लंबी-लंबी लाइनें लग जाती थीं। सुनील शेट्टी अपने अभिनय, स्टाइल और बात करने के असाधारण तरीके के लिए हमेशा पसंद किए जाते थे। इन सब से अलग एक और बात है जो सुनील शेट्टी को अलग-अलग एंटरटेनर्स के मामले में खास बनाती है. यानी माना शेट्टी का मतलब अपनी पत्नी के साथ अपने रिश्ते से है।


कहते हैं सुनील शेट्टी को ‘माना’ से पहली ही नजर में प्यार हो गया था. मुंबई के मालाबार हिल इलाके में स्थित एक पेस्‍ट्री शॉप में जब उन्होंने ‘माना’ को देखा था, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि वो उन्हें अपना जीवन-साथी बनाएंगे. इसके लिए सबसे पहले उन्होंने ‘माना’ से दोस्ती की. आगे ‘माना’ के साथ मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा तो दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. सुनील शेट्टी और ‘माना’ जल्द एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे.

वो शादी करके हमेशा के लिए एक होना चाहते थे. मगर, संस्‍कृति, धर्म और जाति उनके प्‍यार की राह में रोड़ा बनकर खड़े हो गए. दरअसल, ‘माना’ आधी पंजाबी और आधी मुसलमान फैमिली से ताल्‍लुक रखती हैं. जबकि, सुनील कर्नाटक के तुलू भाषी परिवार से हैं. यही वजह थी कि दोनों के पैरेंट्स को ये रिश्ता पसंद नहीं था. दोनों ने अपने-अपने परिवार को खूब मनाया, मगर बात नहीं मानी.


अब सुनील शेट्टी और ‘माना’ के सामने भागकर शादी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया. वो अपने परिवार की मर्जी से ही शादी करना चाहता थे. यही कारण रहा कि दोनों ने तय किया कि वो इंतजार करेंगे. अंतत: 9 साल के लंबे इंतजार के बाद दोनों के परिवार वाले इस शादी के लिए राजी हुए. इस तरह साल 1991 में 25 दिसंबर को सुनील और ‘माना’ ने शादी कर ली और हमेशा के लिए एक हो गए.

अब सुनील शेट्टी और माना दो बच्‍चों के माता-पिता हैं. उनकी एक बेटी, अथ‍िया शेट्टी जहां फिल्‍मों में डेब्‍यू कर चुकी हैं, वहीं अहान शेट्टी फिल्मों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं.

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