जज्बे को सलाम! गरीब सफाई कर्मचारी का बेटा बना सेना में अफसर, मजाक उड़ाने वाले भी आज दे रहे बधाई

दोस्तो अगर इंसान कुछ करने की ठान लेता है तो उसके लिये कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है।  दोस्तो दुनिया  हर किसी ने कुछ ना कुछ बनने का सपना देखा हुआ है  जिससे पूरा करने के लिये व वो लोग दिन रात मेहनत करते है लेकिन सफलता  उन्ही लोगो को मिल पाती है  जो अपने रास्ते मे आ रही सभी बाधाओं को आराम से पार कर लेते है। लेकिन जो लोग दिन रात मेहनत करते है अपने लक्ष्य को पाने के लिये  लेकिन सफल नहीं हो पाते है उंन्हे निराश हाथ लगती है । ऐसे बहुत से कम ही लोग जो अपने माता- पिता का सपना पूरा कर पा रहे है।

दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दे कि   सफ़लता किसी भी व्यक्ति की गरीबी या अमीरी देख कर  नहीं आती है बल्कि  वो उस  व्यक्ति की मेहनत को देखकर ही उसको सफलता मितली है।  इस दुनिया मे हर शख्स का कोई ना कोई सपना है  चाहे वो अमीर हो या गरीब हो उसने अपने जीवन मे कुछ ना कुछ बनने का सपना जरूर देखा होता है। गरीब माता – पिता हमेशा ये चाहते है कि उन्होंने जो दिन देखे है वो उनके बच्चो को ना देखने पड़े इसलिए वो बच्चों को खूब मन लगा कर पढ़ाते लिखाते है। आज हम आपको एक ऐसी ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है जो कि पेशे तो सफाई कर्मचारी है लेकिन उसने अपने बच्चे को पढ़ा लिखा कर इस काबिल बना दिया कि उसके बच्चे ने उनका सपना पूरा कर दिया।

आज हम जिस सफाई कर्मचारी की बात करने जा रहे   है वो उत्तरप्रदेश के चंदौली के रहने वाले है।इस सफाई कर्मचारी ने आज से 10 साल पहले अपने बच्चे के लिये एक ऐसा सपना देखा था जिससे लोग सुनकर उसका मजाक उड़ाते थे। लोग उस सफाई कर्मचारी को सलाह देते थे कि उसका सपना  उसकी औकात से बाहर का है। लोगो की बात सुनकर भी वो शख्स निराश नहीं हुआ बल्कि अपने बच्चे के सपने को पूरा करने में लग गया।  उसकी ये मेहनत रंग लायी और उसके बेटा आज  भारतीय सेना में अधिकारी बन गया  है  और जो लोग उसका मजाक उड़ाया करते थे वो आज उसकी तारीफों का पुल बांध रहे है।

दरअसल दोस्तो आज हम बिजेंद्र कुमार की बात करने जा रहे है जिन्होंने आज से 10 साल पहले अपने साथ काम कर  रहे साथी कर्मचारियों से कहा था कि आज वो झाड़ू उठा रहे है लेकिन एक दिन उनका बेटा देश की सेवा के लिये बंदूक उठायेगा।तब उनके साथी कर्मचारियों ने उनका मजाक उड़ाया था , यहां तक उंन्हे ये नसीहत दी कि वो अपनी औकात से ज़्यादा बड़ा सपना ना देखे। बिजेंद्र कुमार ने लोगो की बात किनारा करते हुये अपने बच्चे के भविष्य के लिये दिन रात एक  कर दिया । लोग बिजेंद्र कुमार का मजाक उड़ाते रहे पर बिजेंद्र कुमार ने हार नहीं मानी और अपने बेटे को पढ़ने के लिये राजस्थान भेज दिया।  बिजेंद्र कुमार ने अपने बेटे को  सेना में अफसर में बनाने के  लिये दिन रात  मेहनत की ।

बिजेंद्र कुमार की मेहनत  12 जून को सफल हो गयी जब उनका बेटा सुमित कुमार देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट होकर ना सिर्फ अपने पिता का नाम रोशन किये  है बल्कि अपने पूरे गांव  का नाम रोशन कर दिये है।सुमित कुमार चंदौली से पहले ऐसे शख्स है जो कि भारतीय सेना में अधिकारी है ।

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