अस्पताल में बारात लेकर पहुंचा दूल्हा, घायल दुल्हन से रचाई शादी, पूरी सच्चाई जानकर आंखें हो जाएंगी नम

शादी बहुत ही पवित्र बंधन होता है। शादी सात जन्मों का बंधन है, जिसे यादगार बनाने के लिए दूल्हा-दुल्हन और घरवाले महीनों पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं। हर कोई अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता है। दूल्हा-दुल्हन यही चाहते हैं कि उनकी शादी लोग हमेशा याद रखें। ऐसी स्थिति में कई प्रकार के आयोजन करने का प्रयास किया जाता है। शादी के लिए लोग होटल बुक कराते हैं, तो कोई फार्म हाउस, कोई पुश्तैनी घर या कोई मैरिज हॉल। शादी वाले दिन हर तरफ खुशियों का माहौल रहता है। लेकिन कई बार नियति को कुछ और ही मंजूर होता है और बैठे-बिठाए मुसीबतें घर आ जाती हैं।


आज हम आपको कोटा में हुई एक शादी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। आप सभी लोगों ने सूरज बड़जात्या निर्देशित फिल्म “विवाह’ तो देखी ही होगी। इस फिल्म में शाहिद कपूर और अमृता राव मुख्य किरदार निभाते हुए नजर आए थे। इस फिल्म में हादसे के बाद जिस तरह अस्पताल में शाहिद कपूर और अमृता राव ने शादी की थी कुछ वैसी ही एक शादी कोचिंग सिटी कोटा में हुई है। कोटा में हुई इस अनोखी शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं।

दुल्हन को हुए फ्रैक्चर तो दूल्हा अस्पताल ले आया बारात

दरअसल, आज हम आपको जिस अनोखी शादी के बारे में बता रहे हैं यह कोटा के एमबीएस अस्पताल में हुई है, जिसकी हर कोई बात कर रहा है। दरअसल, पंकज राठौर नाम का दूल्हा रामगंजमंडी के भावपूरा का रहने वाला है और दुल्हन मधु राठौर रावतभाटा में रहती है। बीते 1 सप्ताह से दोनों के घरों में शादी की रस्में चल रही थीं। दूल्हा पंकज राठौर की बिंदोरी भी हो चुकी थी। वहीं रविवार को शादी के साथ फेरे होने वाले थे।

लेकिन अचानक ही दुल्हन के साथ हादसा हो गया। दुल्हन 15 सीढ़ियों से नीचे गिर गई थी, जिससे उसके दोनों हाथों और पैरों में कई फैक्चर हो गए। इस हादसे में उसके सिर में भी चोट आई। उसे इलाज के लिए कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। लेकिन इसी दौरान दूल्हा और दुल्हन ने पहले से निर्धारित शुभ समय में ही शादी करने का फैसला कर लिया। इसके बाद तय हुआ कि शादी अस्पताल में होगी।

वहीं अस्पताल प्रबंधक को भी दूल्हा-दुल्हन के द्वारा लिए गए इस फैसले से अवगत कराया गया और उन्होंने भी इसके लिए हां कर दी। फिर अस्पताल में ही शादी की तैयारियां शुरू हो गईं। दुल्हन और उनके परिजनों को अस्पताल स्टाफ ने भी काफी सपोर्ट किया। बाद में दूल्हा और दुल्हन के परिजनों की सहमति से जब अस्पताल में ही शादी करने का फैसला लिया गया तो वहां कॉटेज को सजाया गया।

कॉटेज में हुई रस्में

पंकज के जीजा राकेश राठौर कोटा निवासी हैं और उन्होंने बताया कि अस्पताल में शादी के लिए दोनों परिवार राजी हो गए और उन्होंने एक कॉटेज में कमरा बुक करके सजाया। दूल्हा रामगंजमंडी से बारात लेकर एमबीएस अस्पताल पहुंचा। इसके बाद व्हीलचेयर पर बैठी दुल्हन और दूल्हे ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद पंकज ने मधु को मंगलसूत्र पहना कर मांग में सिंदूर भरा। हालांकि, मधु चल पाने में अभी असमर्थ थी। ऐसे में सात फेरों की रस्म इस दौरान ना हो सकी।

दुल्हन मधु को अगले कुछ दिनों तक अस्पताल में ही एडमिट रहना पड़ेगा। पंकज और मधु के परिवार ने मिलकर मधु की देखभाल करने का फैसला लिया है। शादी के दौरान ना सिर्फ परिजन मौजूद रहे बल्कि अस्पताल कर्मियों ने भी हिस्सा लिया। मिठाई बांटकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी। अस्पताल में विवाह गीत गाकर शादी की रस्में पूरी कर एक अनोखी मिसाल कायम की गई।

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