दोस्तो शादी एक ऐसा रिश्ता होता है कि जिसमें दो लोगो का जीवन ज़िंदगी भर के लिये एक साथ बंधन में बंध जाता है। हर घर में लड़की को यही शिक्षा दी जाती है की शादी के बाद उसका पति ही उसका सब कुछ होता है। लड़की भी शादी के बाद पति को अपना सब कुछ मान लेती है , लड़की अपनी पति की हर बात मानती है वो जो कहता है वही करती है। कुछ पति तो अपनी अपनी पत्नी को मारते पीटते है फिर भी वो लड़की चुप रहती है क्योंकि उसे यही बताया जाता है कि उसका पति ही उसके लिये सब कुछ है ।
लेकिन दोस्तो अगर पति की जान पत्नी की जान से पहले चली जाए तो पत्नी का जीवन अधूरा रह जाता है। पत्नी के लिये सारे सुख लेकर वो अपने साथ चला जाता है , एक विधवा को कितना दुख सहन पड़ता है । एक विधवा के लिए कई प्रकार के नियम होते है और एक विधवा को बहुत सारे ताने भी सुनने पड़ते है।
दोस्तो आज एक ऐसी घटना के बारे में हम आपको बताने जा रहे है जिसको सुनने के बाद यही कहेंगे कि एक स्त्री को कितना दर्द सहना पड़ता है । दोस्तो ये घटना झारखंड के सेमौरा गाँव की है जहाँ एक महिला का पति 22 वर्ष पहले अचनाक से गायब हो गया था ।उस महिला के परिजनों ने दिनरात एक कर दिये पर उसका पति किसी को नही मिला जिस कारण से सबने यही मान लिया कि उस महिला का पति किसी दुर्घटना में खत्म हो गया।
दोस्तो ये सब होने के बाद महिला को 22 वर्ष तक विधवा के रूप जीवन जीना पड़ा। लेकिन एक दिन एक साधु महिला के पास भिक्षा मांगने आया है ,लेकिन दोस्तो महिला जैसे भिक्षा देने गयी तो उसकी आंखें खुली की खुली रह गयी ।
दोस्तो ये साधु कोई और नही महिला का पति था जो 22 वर्ष पहले गायब हो गया था। अब जब महिला को उसका पति जब वापस मिल गया तो फुट – फुट कर रोने लगी , वो अपने पति को इस साधु वस्त्र को त्याग कर वापस सामाजिक जीवन मे लौटने की गोहार लगाने लगी लेकिन उसका पति अपनी जिद पर अड़ा रहा । महिला की रोने की आवाज सुन सब गांव वाले इकठ्ठा हो गए ,दोस्तो महिला के पति उदय को सब पहचान गये लेकिन उदय अपनी पहचान छुपाना चाहता था।
लेकिन जब गांव वालों ने ज़्यादा ज़ोर डाला तो उदय को अपनी पहचान स्वीकार करनी पड़ी लेकिन वो अभी भी एक जिद पर अड़ा था कि वो साधु वेश नहीं त्याग करेगा बल्कि उसको उसकी पत्नी भिक्षा दे ताकि उससे सिद्धि प्राप्त हो सके। लेकिन दोस्तो उसको उसकी पत्नी से भिक्षा नही मिल जिस कारण से वो गांव के बाहर डेरा डाला हुआ है।