दोस्तो प्यार एक ऐसी चीजें है जब किसी को हो जाता है तो उससे किसी चीज जी सुध- बुध नहीं रहती है।प्रेम एक ऐसी चीजे है जिसे जाति , धर्म से बिल्कुल भी मतलब नहीं होता है जिसे एक जिससे हो जाता है वो फिर किसी की नहीं सुनता है ।
दोस्तो प्रेम एक ऐसा रोग है जिसका कोई इलाज नहीं है इस दुनिया में जिससे एक बार ये प्रेम हो जाता है फिर उससे काबू कर पाना ना मुमकिन हो जाता है , प्रेम में इंसान कुछ भी कर सकता है जिसकी आम इंसान कल्पना भी नहीं कर सकता है । असल में ऐसा एक मामला प्रतापगढ के गहरौली गांव ने सुनने में आया है जहाँ एक प्रेमी जोड़े ने प्रेम विवाह कर लिया।
अब आपके मन मे सवाल होगा आज के समय ये सब होना आम बात है लेकिन दोस्तो यहाँ दूल्हा एक लड़का है वही दुल्हन एक किन्नर है , जी हां दोस्तो हैरानी हुई ना । दोस्तो असल में ये विवाह एक मिसाल बनकर सबके सामने आया है ।
दोस्तो दूल्हा शिवकुमार अंजलि से 1.5 वर्ष पूर्व एक दूसरे से मिले थे । दोनो एक दूसरे को देखते ही एक दूसरे को दिल दे बैठे थे जिसके बाद दोनो एक दूसरे से लगभग रोजाना मिलने लगे जिससे दोनों के बीच प्यार जाग गया।
दोनो को जब लगा कि ये दोनो एक दूसरे के लिये बने तब दोनो ने शादी करने का निर्णय लिया । लेकिन जब दोनों के रिश्ते की बात घर वालो चली की दोनो के घर वालो सीधे शादी के लिये मना कर दिया लेकिन दोस्तो कहते है ना प्रेम के आगे किसी की नहीं चलती है , दोनो के प्रेम आगे परिवार वालो को भी झुकना पड़ा अतः दोनो ने शादी कर ली।
लड़की का कन्यादान किया बहन और बहनोई ने
दोस्तो दोनो शादी करने के लिये नंदीग्राम के प्राचीन मंदिर में हुई जिसकी स्थापना भगवान राम के अनुज भरत के द्वारा की गयी थी। नंदीग्राम के प्राचीन मंदिर के पुजारी पंडित अरुण कुमार तिवारी जी ने बताया कि दोनों शादी के लिये जब आये पूरे गांव के लोग भी इस शादी के साक्षी बनने के लिये उपस्थित हुए।
जब पंडित जी से पूछा गया कि कन्यादान किसने किया तो पंडित जी ने बताया कि लड़की का कन्यादान लड़की बहन और बहनोई ने मिलकर किया ।
बच्चे को लेंगे गोद
दोनो बच्चे को लेंगे गोद – अंजलि और शिवकुमार ने ये निर्णय लिया के शादी बाद किसी बेसहारा बच्चे को गोद लेंगे ताकि उस बेसहारा बच्चे काजीवन सवार सके । दोस्तो दोनो के इस फैसले के सुनने के गांव के सभी लोगो ने इनके तारीफ के पुल बांध रहे है और इनके शादी से सभी खुश भी नज़र आ रहे है ।