तलाक ने एक-दूसरे को किया अलग लेकिन मौत ने हमेशा के लिए एक कर दिया, इस परिवार का हुआ दर्दनाक अंत

 दोस्तो शादी एक ऐसा रिश्ता है जो एक बार किसी से जुड़ जाता है   तो उसके बाद उससे पूरी दुनिया अलग नहीं कर सकती है लेकिन दोस्तो आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा  रहे है जिसमे एक पति पत्नी ने तलाक तो ले लिया लेकिन दोनो ने दुनिया को अलविदा एक साथ कहा। असल  में दोस्तो ये  पूरी घटना  मुंबई के ठाणे की है जहाँ  अशोक त्रिपाठी और उनकी पत्नी वैभवी त्रिपाठी तलाक  के बाद  अपने पूरे परिवार के साथ नेपाल घूमने गयी  थे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था , चलिये जानते है कि पूरा मामला क्या है।

नेपाल घूमने गया था परिवार-  दोस्तो  अशोक त्रिपाठी और उनकी पत्नी वैभवी त्रिपाठी का जब तलाक हुआ तो कोर्ट ने ये भी आदेश दिया कक अशोक त्रिपाठी को साल में 10 दिन परिवर के साथ रहना है जिस वजह अशोक ने पूरे परिवार के साथ नेपाल घूमने के लिये प्लान बना लिया ।अशोक त्रिपाठी ने नेपाल पहुँचने के बाद पूरे परिवर के साथ मध्य नेपाल  मे जोमसोम घूमने का प्लान बनाया ।अशोक त्रिपाठी पूरे परिवार के साथ घूमने के टिकट भी बुक करा लेकिन उनके परिवार की ये आखिरी ख्वाहिश अधूरी ही रह गयी।

पत्नी मां के साथ रहती थी – दोस्तो आप लोगो की जानकारी के लिये बता दे  वैभवी त्रिपाठी  अपनी माँ के पास रहा करती थी क्योंकि उनकी तबियत खराब रहती थी । वैभवी त्रिपाठी के बेटी भी अपनी माँ के साथ रहती थी  क्योंकि वो अभी स्कूल में थी वही  लड़का बाहर कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। जब वैभवी पूरे परिवार के साथ नेपाल घूमने जा रही थी तब उसकी माँ की देखभाल के लिये वैभवी की  बड़ी बहन  संजीवनी  घर आ गयी थी।

दोनों ने की थी लव-मैरिज –  दोस्तो आपको जानकर हैरानी होगी कि अशोक और वैभवी ने लव मैरिज की थी । अशोक और वैभवी  दोनो एक प्राइवेट कंपनी पर काम करते थे जिस कारण से दोनो के बीच में कब प्यार हो गया किसी को पता नही चला। यही नहीं अशोक ने बोरीवाल में एक घर लिया था जिसमे वैभवी तलाक के बाद रुकी हुई थी।

विमान हादसे में मौत- दोस्तो आप लोगो की जानकारी के लिये बता दे  तारा एयर’ के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से रविवार सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरी थी लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका संपर्क एयरपोर्ट से टूट गया,  जब खोजबीन हुई तो पता चला कि  लांखु नदी के उद्गम स्थल के पास पहाड़ी पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ पड़ा  है । इस दुर्घटना में कुछ शव ऐसे पड़े थे जिनको पहचान  पाना बिल्कुल भी मुमकिन  नही  है । दोस्तो इस एरोप्लेन में अशोक त्रिपाठी के परिवार के अलावा  12 नेपाली और 2 जर्मन से आये लोगो को मिलकर कुल 22 लोग थे।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *