दिव्यांग पिता की बेटी बनी सब इंस्पेक्टर, 09 साल लम्बे संघर्ष के बाद मिली सफलता

दोस्तो लड़कियां लड़के से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहती है  ये बात आप सभी जानते है और मानते भी है । दोस्तो अगर लड़कियों थोड़ा सा भी सहयोग करते है तो लड़किया वो मुकाम हासिल कर लेती है जहाँ तक लड़के पहुँचने की सोच भी नहीं सकते है । इस बात को  सच साबित कर दिया है बड़ेमार राजस्थान की रहने वाली  लक्ष्मी  ने, जी हां दोस्तो बड़ेमार की लक्ष्मी इस समय सभी सोशल मीडिया प्लाटफॉर्म के ट्रेंडिंग में है और काफी सुर्खियों में है। लक्ष्मी  इस समय पूरे भारत के लड़कियों प्रेरणा बनकर संबके सामने आई है ।

जानिए क्यों है चर्चा में लक्ष्मी – दरअसल दोस्तो आज हम जिस लक्ष्मी गढ़वीर की बात करने जा रहे है  जो कि पहले कॉन्स्टेबल थी फिर बाद में  अपनी मेहनत के दम पर वो सब इंस्पेक्टर बन गयी। लेकिन दोस्तो लक्ष्मी के लिये ये राह बिल्कुल आसान  नहीं थी । दरअसल दोस्तो लक्ष्मी गढ़वीर  राजस्थान के  सरहदी जिले बाड़मेर के छोटे से गांव मंगले के बेरी की निवासी है ।  लक्ष्मी गढ़वीर काफी गरीब घर से संबंध रखती है   लेकिन पढ़ने लिखने में काफी तेज होने के कारण 2011 में इनका चयन राजस्थान पुलिस  के कॉन्स्टेबल के पद पर हो गया था। लेकिन लक्ष्मी गढ़वीर ने कुछ और ही सोच रखा था। दरअसल लक्ष्मी के गढ़वीर समाज में आज तक एक भी एएसआई नही बनी थी लेकिन जब लक्ष्मी गढ़वीर कॉन्स्टेबल बनी तो उंन्होने ठान लिया कि अब अपने समाज की पहली एसआई बनकर समाज का नाम रोशन करेंगी।

9 साल तक की मेहतन का मिला फल – दोस्तो जब हमने लक्ष्मी गढ़वीर से इस बारे में जानकारी ली तो उंन्होने बताया कि इस मुकाम तक पहुँचने के लिये 9 साल का लंबा इंतज़ार करना पड़ा। लक्ष्मी गढ़वीर बताती है कि जब  2011 में उनका चयन कांस्टेबल पर हुआ था तभी उन्होंने सब इंस्पेक्टर बंनने का निर्णय ले लिया था।  लक्ष्मी ने आगे बताया कि जब वो आगे की पढ़ाई करने लगी तो उनके घर वालो ने इसका शुरू में विरोध किया  था क्योंकि आस पास के लोग उनके घर वालो को ताना मारने लगे थे लेकिन बाद में वो भी इसके समर्थन में आ गये थे।लक्ष्मी ने बताया कि वो पढ़ाई के साथ अपने ट्रेनिंग पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही थी।  लक्ष्मी ने पहले बीए की पढ़ाई की फिर एम ए करके प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दिए।

 

सब इंस्पेक्टर बनकर किया पूरे परिवार का नाम रोशन -दोस्तो लक्ष्मी ने सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में सफल पूरे परिवार का नाम रोशन किया। लक्ष्मी के बड़े भाई ने बताया कि जब उंन्होने देखा कि लक्ष्मी पढ़ाई लिखाई में उनसे कही तेज है तो उंन्होने खुद पढ़ाई छोड़कर अपनी बहन  को पढ़ाने लग गये थे।

पिता है नेत्रहीन – दोस्तो जब लक्ष्मी अपनी  सब इंस्पेक्टर बनकर घर वापस आई तो उसने अपने माता -पिता को सेल्यूट किया लेकिन दुख की बात ये  है लक्ष्मी के पिता रायचंद नेत्रहीन है जिस कारण से वो अपनी बेटी को देख नही सकते है पर जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी एसआई बन गयी है तो वो खुशी से फुले नही समाये।

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