मिसाल! हिरण की मौत के बाद उसके बच्चे को नौ महीने तक पाला, और फिर बेटी की तरह विदा किया

 दोस्तो  हमारे देश मे हमेशा जानवरों को लेकर नम्रता बरती जाती है क्योंकि हमारे यहां इन जीवों में प्रति दया की भावना रखी जाती है।  लेकिन जैसे- जैसे समय बदलता चला गया कुछ लोग जानवरों का अपने शौक के लिये शिकार  करने लगे। उनके अंदर इन मासूम जानवरो के प्रति इतनी क्रूर भावना आ गयी कि ये लोग उनका शिकार करके इनका भोजन करने लगे । लेकिन आन भी कई ऐसे लोग है जो इन जीव को बचाने  लिये मेहनत कर रहे है।

 लेकिन दोस्तो आज भी कई ऐसे  लोग है जो इन मासूम जानवरों के प्रति दया भावना रखते है । दरअसल दोस्तो आज हम आपको राजस्थान के जैसलमेर की घटना बताने जा रहे है जहां एक परिवार ने नवजात हिरण की जान बचा कर इंसानियत की एक नयी मिशाल पैदा की  है।

दरअसल दोस्तो  राजस्थान के जैसलमेर में  एक हिरण ने बच्चे का जन्म दिया था लेकिन बच्चे के जन्म के  15 दिन के बाद हिरण ने  दम तोड़ दिया है जिस वजह से माशूम हिरण का बच्चा अकेला हो गया ।  हिरण का बच्चा अभी इतना छोटा था कि उसका शिकार गली के कुत्ते भी आसानी से कर सकते  थे। लेकिन गांव के ही रहने वाले शिव को इस बारे में जानकारी हुई तो वो तुरंत हिरण के बच्चे को अपने घर ले आया और  उसकी सेवा करने लग गया।

 हिरण के बच्चे की देखभाल के लिये पूरा परिवार दिन रात लग गया क्योंकि हिरण का बच्चा इतना छोटा  था कि उसका बच  पाना मुमकिन नहीं था लेकिन शिव के परिवार ने अपनी लग्न और मेहनत करके हिरण  के बच्चे को ना सिर्फ़ बचाया बल्कि उसे पाल पोश के बड़ा भी किया। जब हिरण का बच्चा बड़ा हो गया तो शिव और शिव के परिवार ने  हिरण के  बच्चे को रेस्क्यू टीम को देना सही समझा क्योंकि हिरण का बच्चा जैसे – जैसे बड़ा होता जा रहा था वैसे – वैसे उसके रहने के लिये  जगह कम पड़ने लग गयी थी ।

 शिव और उनके परिवार ने हिरण के बच्चे के घर से जाने के पूर्व रात्रि जागरण करवाया  औऱ पूरे गाँव का भोजन भी करवाया ।   फिर अगले दिन रेस्क्यू  टीम ने  आकर हिरण के बच्चे को  जोधपुर के लोहावट स्थित रेस्क्यू सेंटर ले गयी। शिव के द्वार किये गए इस काम की चर्चा अब पूरे देश मे हो रही है , सब लोग यही  कह रहे है साबको को शिव और उसके परिवार से सबक लेना चाहिये।

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