कहते है की इश्क में क्या मजहब, क्या सरहद, क्या गोरा, क्या काला, क्या देश, क्या भेष। जब दो प्रेम करने वालो के दिलो के तार जुड़ते है तो ये सब कुछ भी मायने नहीं रखते है। अब इस इश्क महोब्बत के चलते ऐसा ही कुछ हुआ बिहार के नालन्दा में। जब एक सत्येन्द्र नाम के बिहारी छोरे ने जर्मन की रहने वाली लारिस बेल्ज नाम की लड़की को अपना जीवन साथी बना लिया। जिसके बाद ये अनोखी शादी और अटूट प्रेम की दिलचस्प कहानी सोशल मिडिया पर जमकर सुर्खिया बटोर रही है।
जहा, सत्येन्द्र कुमार बिहार के नरहट प्रखंड के बेरोटा गाँव के रहने वाले है, वही लारिस बेल्ज जर्मनी में पढ़ी लिखी और बड़ी हुई। और अब हिन्दू रीती रिवाजो के साथ सत्येन्द्र से शादी कर ली। दुल्हन बनी लारिस बेल्ज ने अपनी शादी के दौरान हल्दी का उबटन से लेकर वर पूजा और पानी ग्रहण आदि सभी रस्मो का पूरी श्रद्धा से पालन भी किया। और बाद में अपनी मांग में सिंदूर भी भरा।
दुल्हन बनी लारिस बेल्ज अपने प्रेमी से शादी करने के लिए स्पेशल वीजा का बंदोबस्त करके भारत आई, और सत्येन्द्र कुमार से शादी की लेकिन लारिस के माता पिता इस शादी में शामिल नहीं हो पाए। जबकि सत्येन्द्र की फैमली, उसके दोस्त और गाँव वाले इस अनोखी शादी के गवाहा बने। बता दे की इनकी ये शादी राजगीर में एक बड़े होटल में बड़े धूम धाम से हुई। और अब सत्येन्द्र की फॅमिली के लोग भी इस शादी से बेहद खुश है।
ये है इनकी प्रेम कहानी:-
शादी के बाद पति पत्नी बने सत्येन्द्र कुमार और लारिस बेल्ज बताते है की वो एक दुसरे को साल 2019 से काफी अच्छे से जानते है। इन्होने बताया की सत्येन्द्र कुमार कैंसर पर शोध करने के लिए स्वीडन गये थे, वही लारिस बेल्ज भी प्रोस्टेट कैंसर पर शोध कर रही थी। उसी दरमियान हमारी एक दुसरे से मुलाकात हुई। और फिर ये मुलाकात आगे बड़े और हम रिलेशनशिप में आ गये। इसके बाद हमने शादी करने का सोचा और इसके लिए हमने भारत को चुना।
इसके बाद वो एक बार भारत भी आई, और यहाँ काफी एन्जॉय किया। यहाँ का कल्चर और संस्कृति लारिस को काफी पसंद आई। ऐसे में हम दोनों को एक दुसरे से बहुत गहरा प्यार हो गया। और फिर हमने शादी करने का मन भी बना लिया। लेकिन covid 19 के चलते हमारी शादी नहीं हो सकी। लेकिन अब मौका मिलते ही हम हमेशा के लिए एक दुसरे के हो गये। हमने शादी कर ली।