लंगूर के बच्चे की प्यास बुझाना पड़ा महंगा, मुंह में फंस गया लोटा, घंटों प्यासा रहा, फिर ऐसे बचाई जान

 दोस्तो जैसे कि आप सभी को पता है कि गर्मी के मौसम में इंसान की क्या हालत होती है आप सभी जानते है । गर्मी का मौसम जीतना इंसानो को परेशान करता  है  उससे कही ज्यादा जानवरों के लिये परेशानी का कारण बनता है। दोस्तो हम इंसान  गर्मी में पानी पीने की व्यवस्था कर लेते है लेकिन बिचारे जानवर पानी पीने की व्यवस्था कैसे करे ।दोस्तो हम आपको आज एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे है जहाँ एक बंदर पानी पीने  के प्रयास में अपने सर में ही बहुत बड़ी आफत अपने सर पर ले लिया।

लंगूर के बच्चे के मुंह में फंसा लोटा- दोस्तो असल मे  ये मामला चंद्रपुर महाराष्ट्र का है जहाँ बंदर गर्मी में पानी के लिये जरूर आते है । इन्ही  बंदरो में से  एक नन्हा बंदर था जो की पानी पीने के लिये एक लोटा के अंदर जैसा  अपना सर डाला वैसे उसका सर फंस गया  जिसके बाद वो इधर उधर कोशिश करने लगा  लेकिन उससे सफलता नहीं मिली जिसके बाद बंदर की मां की ने  उसके सर से लोटा निकालने का प्रयास किया लेकिन जब उससे भी सफलता नहीं मिली तो  बाकी बंदर भी मदद करने आये लेकिन उन्हें भी सफलता नहीं मिली । दोस्तो ये सब होता देख गांव वालों को भी  दया आ गयी उन लोगो ने वन विभाग को इस विषय मे सूचना देकर उन्हें बुला लिया।

वन विभाग ने ऐसे बचाई जान- दोस्तो  वन विभाग की टीम जब बंदर की टीम आई तो उनके सामने कई सारी चुनौती थी जैसे कि बंदर के बच्चे के पास कई सारे बंदर इकठ्ठा था  उनके पास से बंदर के बच्चे को निकाल कर लाना , दूसरा बंदर के बच्चे को पिंजरे में लाना क्योंकि अगर बंदर को पिंजरे पर नहीं ला पाये  तो उसके गले से लोटा निकाल पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है ।दोस्तो इसके लिये वन विभाग की टीम ने ताडोबा टाइगर रिजर्व और कोठरी वन विभाग की टीम को बुला लिया।

शुरू में तो बंदर पिंजरे में नही आ  रहा था लेकिन काफी मेहनत के बाद पिंजरे में आ गया जिसके बाद वन विभाग की टीम ने बंदर के सर से लौटा को निकाल दिया। दोस्तो जब बंदर के सर से लौटा को निकाला गया तो ये  देखा गया कि जो बंदर है उसके सर पर कई जगह चोट लगीं हुई है , वन विभाग के  टीम ने बंदर के बच्चे का इलाज करके उससे कुछ खिला पिला कर उसकी मां के पास छोड़ दिया।

 

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