कांवड़ पर माता-पिता को बैठाकर गाजियाबाद से पैदल हरिद्वार पंहुचा बेटा, बताई ये वजह

 दोस्तो हर व्यक्ति के लिये उसके माता -पिता भगवान जैसे होते है। बच्चे के छोटे से बड़े होने तक  बच्चे की हर छोटी से बड़ी चीजों का ध्यान उनके माता – पिता के द्वारा ही रखा जाता है  , बच्चे भी बड़े होकर अपने माता – पिता का खूब ख्याल रखते है लेकिन दोस्तो जैसे-जैसे समय  बदल रहा है वैसे- वैसे  ही अब माहौल बदल रहा है । 

पहले जहां बच्चे अपने माता पिता का ख्याल रखते थे  वही अब बच्चे माता -पिता से छोटी – छोटी बातों पर लड़ाई करते है , उनके समझ मे माता पिता पुराने खयालो के है । कई बार तो बच्चे अपने माता – पिता   को वृद्धावस्था में वृद्धाश्रम तक  छोड़ आते है जबकि वो ये तक नहीं सोचते है कि जब वो छोटे तब उनके  माता – पिता ने कितनी मुसबीत से पाला पोसा है । 

लेकिन दोस्तो आज भी कई जगह ऐसे बच्चे है जो अपने माता- पिता की इक्छा पूरी करने के लिये जी जान लगा देते है । दोस्तो आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे मे बात करने जा रहे है जो कि  अपने माता – पिता की कावड़ यात्रा की ख़्वाहिश पूरी करने के लिये श्रवण कुमार बन गया।

दोस्तो आज हम बात करने  विकास गहलोत की जो कि गाजियाबाद में निवास करते है लेकिन अपने माता – पिता की  कावड़ यात्रा करने की ख्वाहिश पूरी करने के  लिये  खुद श्रावण कुमार बन गये।

कई किलोमीटर का सफर करके पूरा किया माता पिता का सपना – 

दोस्तो हिन्दू धर्म मे कावड़ यात्रा काफी महत्व माना जाता है क्योंकि  कावड़ यात्रा पूरी करने के बाद कावड़ मेला होता है जिसे देखने के लिये लोग  दूर-दूर से आते है। 

दोस्तो विकास गहलोत मुख्यता गाजियाबाद के रहने वाले है लेकिन उंन्होने अपने  माता पिता को कंधे पर  बिठाकर कावड़ यात्रा के  लिए निकल  पड़े। कावड़ यात्रा के दौरान विकास गहलोत का दर्द उसके माता पिता ना देख सके इसलिये विकास गहलोत ने अपने माता – पिता की आंखों में पट्टी बांध दी।विकास गहलोत ने  2 हफ्ते के कांवड़ यात्रा को जिस तरह से पूरा किया हर कोई विकास की तारीफ कर रहा है ।

जब इस बारे में विकास गहलोत से पूछा  गया तो विकास ने बताया कि उसके माता – पिता ने  कावड़ यात्रा करने की इच्छा  जताई थी लेकिन अब उनकी उम्र इतनी हो गयी है कि वो कावड़ यात्रा पैदल नहीं कर सकते है इसलिए मैंने अपने माता -पिता को अपने कंधों पर रखकर कावड़ यात्रा शुरू कर दी। दोस्तो विकाश के द्वारा किये गए इस काम की चर्चा सोशल मीडिया में बहुत ज़्यादा हो रही है ,हर कोई यही कह रहा है कि बेटा हो तो विकाश जैसा।

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