पिता का था IAS बनने का सपना, लेकिन अब बेटी ने मेहनत से कर दिखाया कमाल, सपने को इस तरह किया साकार

दोस्तो एक समय था जब लड़कियों ज़्यादा नहीं पढ़ाया जाता था , तब  लड़कियों को बस रसोई और घर के कामो तक सीमित रखा जाता था।  लेकिन दोस्तो अब समय बदल चुका है क्योंकि आज  समय मे लड़किया भी लड़को से बढ़कर हो चुकी है । आज के समय मे अगर लड़कियों को थोड़ा  सहयोग किया जाए तो वो  यूपीएससी जैसे कठिन पेपर को बड़ी आसानी से निकाल लेती है । 

 दोस्तो आज हम  एक ऐसी ही लड़की की बात  करने जिन्होनें अपनी कड़ी मेहनत और लग्न से ना सिर्फ यूपीएससी जैसा कठिन  परीक्षा निकाली बल्कि अपने माता – पिता के साथ पूरे शहर का नाम भी रोशन किया।

दोस्तो आज हम बात करने जा रहे  है 2018 बैच की आईएएस अफसर साक्षी की जो कि उत्तरप्रदेश के रोबेर्टगंज की रहने वाली है  । आपकी जानकारी के लिये बता दे कि साक्षी के 10 वीं की परीक्षा में 76 प्रतिशत अंक तो 12 वीं की  परीक्षा में  81.94 प्रतिशत अंक आये थे। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद  साक्षी ने राजकीय महाविद्यालय  से बीए की डिग्री हासिल कर ली ।

जब साक्षी ने 12 वीं की परीक्षा को पास किया था तभी उंन्होने ठान लिया  था कि  वो आईएएस अफसर बनेगी  , लेकिन उनके  लिये समस्या अब आ खड़ी हुई थी क्योंकि उत्तरप्रदेश के रोबेर्टगंज में  आईएएस की पढ़ाई को लेकर कोई गाइडेंस नहीं है । इस कारण से साक्षी ने   दिल्ली जाकर आगे की पढ़ाई करने का निर्णय लिया ।साक्षी की इस बात का  उनके पिता  जी ने भी समर्थन किया क्योंकि  उनके पिता जी भी आईएएस अफसर बनाना चाहते थे  लेकिन ऐसा वो कर नहीं पाये थे पर जब उनकी बेटी ने ये सपना देखा तो उसके सपने को साकार करने के लिये  साक्षी को दिल्ली भेजने का निर्णय लिया। 

साक्षी ने भी उनके निर्णय को सही साबित किया और  2018 में हुई यूपीएससी के पेपर में 350 वीं रैंक हासिल करके अपने पिता का नाम रोशन किया ।दोस्तो जब इस बारे में साक्षी से पूछा गया तो उंन्होने अपनी कामयाबी का सारा श्रेय अपने माता – पिता को दिया।

साक्षी ने आगे बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के करण उनके पिता एक आईएएस अफसर नही बन पाये पर उनके सहयोग से आज में आईएएस बनकर उनका अधूरा सपना पूरा कर दिया है। दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दे कि साक्षी के पिता जी का नाम कृष्ण कुमार गर्ग है और माता जी का नाम रेनू गर्ग है। साक्षी के पिता कृष्ण कुमार गर्ग एक व्यापारी है तो साक्षी की मां एक गृहणी है।

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