दोस्तो आप सबको वो लड़का याद ही होगा जिसने 4 साल की आयु में मैराथन रेस जीत कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था , अगर दोस्तो इस बात को सुनकर आप बुधिया का नाम सोच रहे है तो आप बिल्कुल सही सोच रहे है क्योंकि बुधिया ने 4 वर्ष की आयु में वो कारनामा कर दिखाया था जिससे अच्छे से अच्छे लोग नहीं कर पाते है। लेकिन उस मैराथन रेस को जीतने के बाद बुधिया कुछ इस तरह गायब हुए की किसी ने आज तक उसको देखा ही नही , पर दोस्तो आज हम आपको बताने जा रहे है कि बुधिया इस समय कहा है और क्या कर रहा है।
कौन है बुधिया– दोस्तो जो लोग बुधिया के बारे में नहीं जानते है उनके मन मे एक सवाल उठा रहा होगा कि आख़िर बुधिया है कौन और क्यों इसके बारे में आज हम चर्चा कर रहे है । तो हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे देते है।
असल मे दोस्तो 2 मई 2006 को उड़ीसा में एक मैराथन का आयोजन किया गया था। इस मैराथन में बुधिया ने सबको हैरान कर दिया था क्योंकि उसने 65 किलोमीटर की मैराथन मात्र 7 घण्टे में पूरा कर ली थी वो भी सिर्फ 4 वर्ष की आयु में जो कि सच मे हैरान कर देने वाला था।
कोच ने बनाया इस योग – दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दे बुधिया के कोच बिरंचि दास ने एक बार सजा के तौर पर बुधिया को दौड़ने के लिये कह दिया था और वो उससे रोकना भुल गये थे लेकिन जब बिरंचि दास 5 घण्टे बाद वापस आये तो उंन्होने देखा कि बुधिया अभी भी दौर रहा है वो बिना थके हुऐ । तब बिरंचि दास को पता चल गया कि बुधिया को आम बालक नहीं बल्कि भविष्य का एक सफल धावक है ।
काफी गरीब घर से रखता है संबंध – दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दे कि बुधिया काफी गरीब घर से संबंध रखता है ।बुधिया जब दो साल का था तब उसके पिता का देहांत हो गया था जिसके बाद बुधिया की माँ ने पूरे घर को संभाला लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था क्योंकि बुधिया की मां को कम पढ़ी लिखी होने के कारण दुसरो के घर बर्तन मांजने का काम मिलता था जिसमे उनकी मासिक आय बहुत कम थी। इतने कम पैसो में घर चलाना बहुत ही मुश्किल होता था जिस कारण से बुधिया की मां ने बुधिया को बेचने के लिये रेलवे स्टेशन के रेहड़ी पटरी वालो को 800 रुपये में बेचने की सोचने लग गये थे।
अब कहा है फेमस बुधिया– दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दे कि 2006 की मैराथन के बाद बुधिया ने करीब 45 मैराथन में भाग फिर उसने मेराथन ट्रैक से दूरी बना ली थी। वही आज के समय बुधिया 20 साल का हो चुका है और अब उसका अगला लक्ष्य 2024 का मैराथन है।