दोस्तो किस्मत एक ऐसी चीजे होती है जो कि कब बदल जाये कुछ कह नहीं सकते है। किस्मत कब किस इंसान को राजा से रंक बना दे और कब रंक से राजा बना दे कुछ कह नहीं सकते है । आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे है जहाँ एक महिला अपने पति के खत्म होने के बाद बहुत मुश्किल से अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे थे लेकिन उस महिला को खुद ही नहीं पता था कि वो 100 करोड़ रुपये की मालकिन है। आप भी हैरान हो गये होंगे लेकिन ये बात राजस्थान में सच साबित हुई है जहां संजू कुमारी के पति खत्म होने के बाद वो जानवरों को चारा चरा कर अपना जीवनयापन कर रही थी लेकिन एक दिन उसके घर पर इनकम टैक्स टीम की रेड पड़ गयी जिसके बाद उससे पता चला कि वो 100 करोड़ रुपये की जमीन की मालकिन है।
संजू देवी कैसे बनी 100 करोड़ की मालकिन – दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दे कि इनकम टैक्स की टीम हर साल की तरह सभी के टैक्स ना देने वालो की जांच कर रही थी जहाँ उंन्हे ये जानकारी हुई कि जयपुर हाइवे पर 64 बीघा जमीन थी जो कि संजू देवी के नाम पर थी। इनकम टैक्स की टीम को शक हुआ इसलिए उंन्होने संजू देवी के घर गयी जहां उन्हें पूरे मामले की जानकारी हो गयी ।
दरअसल दोस्तो जब से ये नियम आया कि आदिवासी वर्ग की व्यक्ति जमीन सिर्फ आदिवासी ही ले सकता है तब से पैसे वाले लोग गरीब आदिवासी लोगो के नाम से जमीन लेकर जमीनो को सस्ते दामों पर खरीद लेते है फिर कुछ साल बाद अग्रीमेंट करा कर अपने नाम कर लेते है। ऐसा ही काम संजू देवी के पति के साथ हुआ । संजू देवी के पति और ससुर बाहर काम किया करते थे। कुछ दिन बाद जब उनके पति घर आये थे तो कुछ लोग घर आकर संजू देवी के पति से किसी कागज पर अंगूठा लगवा दिये थे। कुछ समय बाद जब संजू देवी के पति की मौत हो गयी तो कोई व्यक्ति हर महीने 5 हज़ार रुपये हर महीने संजू देवी को दे जाता था , संजू देवी ढाई हजार रुपये अपने पास और ढाई हजार रुपये फुफेरी बहन को दे देती थी।
आयकर विभाग के पास आयी जमीन – जब आयकर विभाग सारा मामला समझ आ गया तो उंन्होने जयपुर से दिल्ली हाइवे की इस जमीन को अपने कब्जे पर ले लिया क्योंकि संजू कुमारी के पास इसके कोई कागजात नही है । आयकर विभाग ने जमीन पर एक बोर्ड लगा दिया है जिसपे ये लिख दिया है कि ‘बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत जमीन को बेनामी घोषित कर अब आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है, 5 गांव के 64 बीघे की इस जमीन की मालकिन संजू देवी मीणा हैं, लेकिन असल में वो इस जमीन की मालकिन नहीं हो सकती हैं, जिसके चलते अब इस जमीन को इनकम टैक्स विभाग अपने कब्जे में ले रहा है ‘ ।