अंतिम संस्कार से पहले आख़िरी बार मनाया रक्षा बंधन,बहनों ने मृत भाई को बांधी राखी, देखिये भावुक तस्वीरें

दोस्तो रक्षाबंधन का त्यौहार सभी भाइयों और बहनों के लिये विशेष रहता है क्योंकि इस त्यौहार में हर भाई अपनी बहन की रक्षा के लिये शपथ लेता है लेकिन दोस्तो मध्यप्रदेश के सिवनी मालवा में इस बार दो बहनों ने रक्षाबंधन के त्यौहार से पूर्व ही रक्षबाँधन अपने भाई का   राखी बांध दी। असल मे दोस्तो सिवनी के इस परिवार में 2 बहनों एकमात्र भाई की लाश रेलवे फाटक में मिली थी जिसके कारण दोनो बहनों ने अपने भाई के विदाई के पूर्व राखी बांध कर विदा कर दिया। 

दोस्तो आप लोगो की जानकारी के लिये बता दे कि ये पूरी घटना होशंगाबाद के सिवनी मालवा के  राठौर परिवार की  है जिसमें दो बहनें दीक्षा राठौर और अंजली राठौर भोपाल में पढ़ाई करती है वही उनका एक भाई निशांत राठौर भी भोपाल में भोपाल में अपनी बहनों के साथ सॉफ्टवेयर की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन अचानक से निशांत राठौर मौत हो जाने से उसकी बहनों को रो- रो कर बुरा हाल है । 

 निशांत राठौर की मौत पहली दृष्टि में हत्या ही लग रही है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि निशांत राठौर की ना तो किसी से दुश्मनी थी और ना ही किसी के साथ अनबन थी लेकिन निशांत राठौर आये दिन अपने धर्म के प्रचार के लिये सोशल मीडिया में पोस्ट करता रहता था। 

निशांत राठौर के पिता ने भी बताया कि उनके पास एक मैसेज आया था जिसमें ये लिखा हुआ था कि” नबी की खुस्ताख़ी की एक ही सजा है वो है सर  को तन से अलग कर दिया जाये ” इस मैसेज से आशय लगाया जा रहा है कि निशांत की हत्या हुई है क्योंकि हो सकता है कि निशांत की धार्मिक पोस्ट से कोई गुस्सा होकर उसने निशांत की जान ले ली।

दोस्तो निशांत की मौत  से सबसे ज़्यादा दुख और पीड़ा जिससे हुई है वो है निशांत की बहनों को  क्योंकि भाई और बहनों के बीच बहुत प्यार था। दोस्तो निशांत की जब लाश बरखेड़ा रेलवे फाटक पर  मिली तब से पूरा परिवार सदमे में है। 

निशांत को मुखाग्नि देने से पहले बांधी राखी- 

दोस्तो निशांत  की लाश मिलने की ख़बर जैसे ही परिवार तक पहुँची सबको सदमा लग गया , सबका रो-रो कर बुरा हाल था । निशांत की बहन दीक्षा और  अंजली ने निशांत के अंतिम संस्कार के पूर्व अपने भाई को अंतिम बारराखी बांधकर  इस दुनिया से विदा कर दिया , दोस्तो इस दृश्य को जो भी देख रहा था उसकी आंखें नम हो गयी क्योंकि ये सच मे काफी दुख भरा पल था जब एक भाई अपनी बहनों से दूर हो गया।

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