लड़की अपने प्रेमी से करना चाहती थी शादी लेकिन परिवार ने एक न सुनी, फिर एक चिट्ठी ने बदल दी किस्मत

दोस्तो आज के समय मे जब किसी को किसी से सच्चा प्यार हो जाता है तो उससे किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि समाने वाला क्या सोचता है और क्या चाहता है, लेकिन दोस्तो जब प्यार सच्चा होता है तो उसके दुश्मन भी कई बन जाते है जिनमें से सबसे पहले परिवार वाले ही दुश्मन होते है।

 क्योंकि उनके लिये बच्चे स्वयं के लिये उचित निर्णय नहीं ले सकते है इसलिए वो हमेशा  प्यार करने वालों के विरोध में होते है। लेकिन दोस्तो चाहे कितनी मुश्किलें क्यों ना आ जाये प्यार करने वालो को कोई अलग नहीं कर सकता  है , दोस्तो ये बात कोरिया जिला की एक लड़की  ने साबित कर दिया है। दोस्तों इस लड़की के परिवार वालो को इसका प्रेम इतना पसंद नही आया कि इन्होंने लड़की के बाहर आने -जाने में ही रोक लगा दी।

लड़की के बाहर निकलने में लगी रोक –

दोस्तो आज हम बात करने जा रहे है  कोरिया जिला की मनीषा कुशवाहा की जिससे दूसरे जिले के शैलेंद्र कुशवाहा से प्यार करती है लेकिन दोनो के प्यार के दुश्मन उनके परिवार वालो ही बन गये। दोस्तो दोनो लोगो के प्यार के दुश्मन परिवार वाले ऐसे बन गये की दोनो के ही घर से बाहर निकलने  पर ही रोक लगा दी । 

दोस्तो  इस प्रेमी जोड़े के रिश्ते का असली विरोध में  लड़की के घर वाले कर रहे थे क्योंकि उनका मानना था कि लड़का उनकी लड़की  के लिये योग्य नहीं है। दोस्तो मनीषा के घर वालो को जब ये लगा कि उनकी लड़की लड़के के प्यार में कही घर से भाग ना जाये इसलिए उन लोगो ने उसका घर से बाहर निकलना बंद कर दिया।

महिला आयोग को लिखी चिट्ठी– दोस्तो जब मनीषा को ये लगा कि मनीषा के घर वाले इस रिश्ते को लेकर कभी नही मानेंगे और मनीषा की शादी कही और कर देंगे तब उन्होंने मनीषा में ये निर्णय लिया कि  वो महिला आयोग चिट्ठी लिखेगी ताकि उसके घर वाले उससे  उसके प्यार से अलग ना कर सके , मनीषा ने महिला आयोग के अलावा पुलिस महानिरीक्षक अंबिकापु,र पुलिस अधीक्षक कोरिया, महिला बाल विकास विभाग को भी भेजा दिया। 

महिला आयोग ने लिया एक्शन – महिला आयोग को जैसे ही  मनीषा की चिट्ठी मिली महिला अयोग्य ने तत्काल एक्शन लेते हुये  एक जांच टीम मनीषा के घर भेज दी , इस जांच टीम में  प्रभारी सौरभ द्विवेदी, प्रधान आरक्षक राम प्रकाश तिवारी, महिला उज्वला होम प्रबंधक कल्पना शर्मा, संरक्षण अधिकारी वितबाला श्रीवास्तव, पटना व बैकुंठपुर सुपरवाइजर विमला भगत शामिल थे जिन्होंने  मनीषा को उज्वला होम भेज दिया। 

उज्वला होम जाने के बाद  मनीषा ने  के घर वालो और  शैलेंद्र के घर वालो काउंसलिंग के लिये बुलाकर शादी के लिये राजी किया फिर दोनो की शादी धूमधाम से करवा दी गयी।

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