ट्रक वाले ने जान पर खेलकर बचाई थी लड़की की इज्जत, 4 साल बाद लड़की ने कुछ इस तरह चुकाया एहसान…!

दोस्तो जब भी कोई मुसीबत में होता है  तो भगवान  उसके लिए  उसके लिये कभी ना कभी किसीको फरिश्ता बनाकर भेजता है।ये बात साबित करता है हरिदयाल गांव की घटना से है। असल  में  हरिदयाल गांव से 300 किलोमीटर की दूरी पर सावित्री देवी अपनी बेटी किरण के साथ रहती थी। सावित्री का पति 4 साल पहले खत्म हो चुका है जिस कारण से उसके ऊपर परिवार  की जिम्मेदारी है।

कुछ दिनों पहले दोनों अपनी

दोस्तो सावित्री देवी एक दिन अपनी बेटी किरण के साथ खेत मे सो रही थी तभी कुछ गुंडे  आकर पहले  सावित्री के साथ गलत करने की कोशिश किये लेकिन जब उन लोगो मे सावित्री की बेटी किरण को देखा तो उससे अपने साथ उठा ले गये।  यहाँ सावित्री खूब शोर मचा रही थी पर वहाँ कोई नही था जिस कारण से कोई उसकी आवाज सुन नहीं पा रहा था। 

लेकिन दोस्तो  वो कहते है  जिसका कोई नहीं होता है उसका खुदा होता है , ये बात  हरिदयाल गांव से निकल  रहे ट्रक ड्राइवर को आवाज सुनाई दे गयी जिसके बाद अशलम तुरंत अपने ट्रक से उतार कर खेत की  तरफ आने लगा। 

उसने देखा कि दो दरिंदे एक

असलम ने जैसा देखा कि दो लोग किरण की इज्जत लूटने का प्रयास कर रहे है , असलम ने तुरंत एक लड़के को दबोच लिया लेकिन  दूसरे लड़के असलम के ऊपर हमला करना चालू कर दिया। लेकिन दोस्तो असलम ने हार नहीं मानी और दोनो लड़को सबक सिखा दिया ।

असलम की  बहादूरी देख के वो दोनो लड़के भाग खड़े हां लेकिम इस सब लड़ाई में असलम और असलम के साथी को गंभीर कि चोट आई लेकिन   असलम और उसके साथियो की मेहनत ने किरण की इज्जत लूटने से बचा ली । असलम को काफी गंभीर चोट आयी थी जिस कारण से  असलम को कुछ दिन हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा जिसके बाद जब ठीक हो  गया  तो असलम सावित्री और उसकी बेटी से मिलकर चला गया।

इस घटना को 4 साल बीत गए.

लेकिन दोस्तो 4 वर्ष बाद जब असलम  जब हरिदयाल  गांव के रास्ते से जा रहा था तभी उसके ट्रक में आग लग गयी, जिसके बाद बेकाबू होकर ट्रैक खाई में जा गिरा । ट्रक के खाई पर गिर जाने की आवाज सावित्री और किरण को सुनाई दे गयी  जिसके बाद  दोनो घटना स्थल पर पहुँच कर  असलम को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया।

जब असलम को होश आया तो वो किरण को  पहचान गया  , असलम बोला क्या ये वही लड़की  जिसके गुंडा उठा ले गये थे। किरण भी असलम को पहचान गयी  और असलम को  गले लगा कर रोने लग गयी । दोस्तो  इस घटना के बाद दोनों भाई बहन बन नए।

दोस्तो इंसानियत का कोई धर्म नही होता है इंसानियत एक ऐसा  अच्छाई है जिसके सामने धर्म और महजब सब  बेकार है ।

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