

लेकिन अल शबीन हॉस्पिटल के कुपोषण वार्ड के सुपर वाइजर डॉक्टर रागेह मोहम्मद ने बताया कि जब समीम को इस हॉस्पिटल में लाया गया था तब इसकी हालात काफी नाजूक थी लेकिंन अल्लाह का लाख लाख शुक्र है कि हमने समय रहते है सही कदम उठाया जिससे आज समीम की जान बच पायी है। अब समीम की तबियत पहले से कही ज़्यादा अच्छी है।
डॉक्टरों ने बताया कि समीम सेरब्रल पॉल्जी और गंभीर कुपोषण से पीड़ित है , इसका इलाज अब यमन की राजधानी में बने हॉस्पिटल में हो रहा है । यहां तक पहुंचने के लिये समीम के परिवार को 170 किलोमीटर का सफर करना पड़ा है | वही अगर हम समीम के इलाज की बात करे तो समीम के परिवार के पास इलाज के पैसे नहीं है , समीम का पूरा इलाज सिर्फ डोनेशन पर चल रहा है। स्थानीय डॉक्टरो ने बताया कि समीम के जैसे देश मे कई केस हो चुके है।
आपकी जानकारी के लिये बता दे कि संयुक्त राष्ट्र ने साफ तौर पर कह दिया है कि यमन काफी बड़े संकट से गुजर रहा है लेकिन यमन अब तक अकाल की घोषणा नहीं कि है। यमन 6 साल तक युद्ध चला था जिसके कारण अब पूरे देश की लगभग 80% जनसंख्या सिर्फ डोनेशन के भरोसे जी रही है।हालॉकि संयुक्त राष्ट्र ने यमन की सहायता 2018 के अंतिम समय पर शुरू कर दी थी लेकिन बीच मे कोरोना के आ जाने से पाबन्दियों आ गयी। इन पाबन्दियों के कारण , बाढ़ और सूखा के कारण यमन की हालात खराब हो चुकी है।
आपकी जानकारी के लिये बता दे कि यमन को 2015 से युद्ध का सामना करना पड़ा है ।सऊदी के नेतृत्व वाली सरकार का युद्ध ईरान समर्थित हूती संगठन से चल रहा है। इस आंदोलन में 1 लाख लोग मारे जा चुके है और देश की राजधानी सहित कई क्षेत्र अब हूती के पास है ।